विश्वविद्यालयको कोर्षमा आफ्नै सेर पढ्न पाउने सायर

उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दोन जाने किस गली में ज़िन्दगी की शाम हो जाये !’ कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक सेये नए मिजाज…

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